योजना के बारे में

कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाना मध्यप्रदेश शासन की प्राथमिकता है। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदेश के कृषकों की आय में वृद्धि करने की रणनीति के अंतर्गत कई गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इस रणनीति के अंतर्गत कृषकों से यह अपेक्षित किया है कि वे अपनी भूमि पर परंपरागत फसलों के साथ वृक्ष एवं अन्य फसलें बड़े पैमाने पर लगाएं।

वन विभाग की अनुसंधान एवं विस्तार शाखा रोपण हेतु अच्छी गुणवत्ता के पौधे उत्पन्न करने की गतिविधियों में संलग्न है। प्रदेश में 11 अनुसंधान एवं विस्तार वृत्त स्थित हैं जहां संपर्क कर रोपणियों एवं पौधों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। एवं विस्तार वृत्तों का विवरण निम्नानुसार है :

योजना के उद्देश्य

कृषि वानिकी से कृषक समृद्धि योजना के उद्देश्य निम्नलिखित हैं :-

  • प्रदेश में निजी भूमि पर वृक्षारोपण। बांस रोपण कर कृषकों की आय बढ़ाते हुए खेती की लाभ का व्यवसाय बनाना।
  • अतिवृष्टि / सूखे की स्थिति में फसल हानि होने पर कृषकों के लिए वनोपाज़ से आय का अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध कराना।
  • निजी क्षेत्र में वनोपज़ उत्पादन को बढ़ावा दे कर शासकीय वनों पर दबाव कम करना।
योजना के घटक

इस योजना के घटक निम्नानुसार हैं :

  • ि:शुल्क पौधा प्रदाय (अधिकतम 5000 पौधों की सीमा तक)
  • कृषकों को प्रति जीवित पौधे पर दो वर्षों में रु. 25/- का अनुदान
  • वनदूत को प्रति जीवित पौधे पर दो वर्षों में रु.7/- का अनुदान

योजना के अंतर्गत पूरे प्रदेश में वर्ष 2017 एवं वर्ष 2018 में 2.60 करोड़ पौधों का रोपण कृषकों द्वारा अपनी निजी भूमि पर किया जायेगा। इससे न केवल कृषकों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में भी सहायता मिलेगी।

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